26 मई 2022 को लंदन में आयोजित प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2022 के समारोह में पाँच सदस्यीय जजों की टीम द्वारा शीर्षक विजेता की घोषणा की गई। यह वर्ष भारत के लिए भाग्यशाली रहा क्यूँकी अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2022 का शीर्षक पहली बार किसी भारतीय भाषा की पुस्तक को मिला। इस लेख में हम अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार और इस वर्ष की विजेता पुस्तक के बारे में चर्चा करेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार क्या है (What is International Booker Prize in Hindi)?
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार (जिसे पहले मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के रूप में जाना जाता था) यूनाइटेड किंगडम में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक पुरस्कार है। इस पुरस्कार के शुरूआत की घोषणा जून 2004 में की गई थी। मैन ग्रुप द्वारा प्रायोजित, 2005 से 2015 तक यह पुरस्कार हर दो साल में किसी भी राष्ट्रीयता के जीवित लेखक को अंग्रेजी में प्रकाशित या आमतौर पर अंग्रेजी अनुवाद में उपलब्ध काम के लिए दिया जाता था। इस पुरस्कार ने एक लेखक की “निरंतर रचनात्मकता, विकास और विश्व मंच पर कथा साहित्य में समग्र योगदान” को पुरस्कृत किया है। 2016 के बाद से, यह पुरस्कार वार्षिक आधार पर, अंग्रेजी में अनुवादित और यूनाइटेड किंगडम या आयरलैंड में प्रकाशित होने वाली एकल पुस्तक को दिया जाता है। विजेता शीर्षक के लिए £50,000 का पुरस्कार, लेखक और अनुवादक के बीच समान रूप से साझा किया जाता है।
यह पढ़ें 👉 साहित्य अकादमी पुरस्कार 2021 | list of Sahitya Akademi Award 2021 winners
किस पुस्तक को अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2022 का विजेता घोषित किया गया है?
भारतीय लेखिका गीतांजली श्री के हिन्दी उपन्यास “रेत समाधि (Tomb of Sand)” जिसे डेज़ी रॉकवेल ने अंग्रेजी में अनूदित किया, को अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2022 के लिए विजेता घोषित किया गया।
“रेत समाधि” उपन्यास की लेखिका और इस पुस्तक का संक्षिप्त परिचय
दिल्ली की लेखिका गीतांजली श्री जो उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में जन्मीं हैं, उन्होंने तीन उपन्यासों और कई कहानी संग्रहों की रचना की है। इसके अलावा उन्होंने अपनी रचनाओं का अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, सर्बियाई और कोरियाई में अनुवाद किया है। इससे पहले उनके 2000 के उपन्यास ‘माई’ को 2001 में क्रॉसवर्ड बुक अवार्ड (Crossword Book Award) के लिए चुना गया था, हालांकि 2001-03 में कोई पुरस्कार नहीं दिया गया था।
उनकी यह पुस्तक “रेत समाधि” मूल रूप से 2018 में हिंदी में प्रकाशित हुई थी, जिसे अगस्त 2021 में टिल्टेड एक्सिस प्रेस द्वारा UK में अंग्रेजी में प्रकाशित होने वाली पहली पुस्तक है। उनकी इस पुस्तक को अंग्रेजी में अनुवादित करने का श्रेय डेज़ी रॉकवेल को जाता है। इसके साथ ही उनकी यह पुस्तक प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली किसी भी भारतीय भाषा की पहली पुस्तक बन गई है। अपनी पुस्तक के बारे में उन्होंने कहा कि “यह भारत और विभाजन का एक चमकदार उपन्यास है, लेकिन जिसकी मंत्रमुग्धता और भयंकर करुणा, युवा और उम्र, पुरुष और महिला, परिवार और राष्ट्र को एक बहुरूपदर्शक में बुनती है।”
गीतांजली श्री के बारे में और अधिक जानने के लिए यहाँ क्लिक करें 👉 Geetanjali Shree Kaun Hai ? गीतांजली श्री का जीवन परिचय
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2022 से जुड़ी कुछ मुख्य बातें
- इस वर्ष पुरस्कार समारोह के जजों ने 135 पुस्तकों पर विचार किया था, जिनमें से 13 पुस्तकों को लॉन्गलिस्ट और उनमें से 6 पुस्तकों को शॉर्टलिस्ट किया गया था।
- वर्ष 2022 में पहली बार, सभी शॉर्टलिस्ट किए गए लेखकों और अनुवादकों को £ 2,500 प्राप्त होंगे।
- ‘रेत समाधि/ टॉम्ब ऑफ सैंड’ उपन्यास को छह पुस्तकों की एक शॉर्टलिस्ट से चुना गया था, जिसके बाद इसे विजेता घोषित किया गया था।
- विजेता पुस्तक जो उत्तरी भारत में एक 80 वर्षीय महिला का अनुसरण करती है और जिसे बुकर के जजों ने एक “आनंददायक कैकोफनी” और “अप्रतिरोध्य उपन्यास” करार दिया था।
- वर्ष 2022 पुरस्कार की शॉर्टलिस्ट में ज़्यादातर महिला लेखकों का नाम शामिल है। इसके अलावा इस लिस्ट में पिछले विजेताओं के नाम भी शामिल हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1- पहला अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार कब और किसे दिया गया था?
उत्तर- 2005, इस्माइल कदरे (Ismail Kadare)।
2- अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2022 में शॉर्टलिस्ट की गई पुस्तकें कौन-कौन सी हैं?
उत्तर-
पुस्तक- | कर्स्ड बनी | ए न्यू नेम: सेप्टोलॉजी VI-VII | हेवेन | एलेना नोज़ | टॉम्ब ऑफ सैंड | द बुक्स ऑफ जैकब |
लेखक/ लेखिका- | बोरा चुंग
(कोरियाई) |
जॉन फॉसे
(नॉर्वेजियन) |
मीको कावाकामी
(जापानी) |
क्लाउडिया पिनेरो
(स्पैनिश) |
गीतांजली श्री
(भारतीय भाषा- हिन्दी) |
ओल्गा टोकार्ज़ुक
(पोलिश) |
अनुवादक- | एंटोन हूर | डेमियन सियर्स | सैमुअल बेट और डेविड बॉयड | फ्रांसिस रिडल | डेज़ी रॉकवेल | जेनिफर क्रॉफ्ट |
इन्हें भी पढ़ें 👇