अंतरराष्ट्रीय बिल्ली दिवस दुनियाभर में हर साल 8 अगस्त को मनाया जाता है इसकी शुरुआत 2002 में थी,

International Fund for Animal Welfare ने इसकी शुरुआत एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए किया था।

बिल्ली दिवस  मनाने का मुख्य उद्देश्य बिल्ली का संरक्षण और मदद करना हैऔर लोगों को बिल्ली के प्रति जागरूक करना है.

बिल्लियों को पालने का प्रचलन भारत में काफी पुराना है लेकिन कुछ साल पहले तक हिन्दू परिवार बिल्लियों को पालना अशुभ मानते थे 

लेकिन धीरे-धीरे ये प्रचलन खत्म हो रहा है कुछ देश जैसे इजिप्ट में  लोग तो बिल्लियों की पूजा भी करते हैं।

बिल्ली दिवस के मौके पर आइए जानते हैं बिल्ली के बारे में कुछ बाते जो आप नहीं जानते हैं 

भारतीय शास्त्रों में बिल्ली से जुड़ी कई जानकारियां मिलती हैं. ऐसे में बिल्लियों को शुभ और अशुभ दोनों का प्रतीक माना गया है

बिल्ली का रास्ता काटना हिंदू धर्म में अशुभ माना गया है. कहा जाता है कि इससे सफर में चोट लगने या कुछ नुकसान होने की संभावना हो सकती है.

बिल्लियों का रोना, आपस में लड़ना, बिल्ली द्वारा आपका सिर चाटना, बिल्ली का घर से दूध पी लेना आदि को भी अशुभ माना जाता है

लेकिन  बिल्ली के कई संकेतों को शुभ भी माना जाता है. जैसे-बिल्ली का अपने बच्चों के साथ दिखना,

दीपावली की रात घर में बिल्ली आना और बिल्ली के दाई तरफ से रास्ता काटना अशुभ माना जाता है।

भारत में अब लोग बिल्ली पालना भी स्टार्ट कर दिये है और लोग शुभ भी मानते हैं।