प्रत्येक वर्ष 21 जून के दिन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस यानि मनाया जाता है। यह क्यूँ मनाया जाता है, क्या है इसका महत्व, इतिहास और इस वर्ष का विषय क्या है? सब कुछ जानेंगे इस छोटे से स्टोरी के माध्यम से-
मनुष्य के जीवन में शारीरिक व्यायाम का एक अलग ही महत्व होता है। भारत जैसे देश में एक आम पुरुष या महिला के लिए व्यस्त जीवन की जद्दोजहद में व्यायाम के लिए समय निकाल पाना अपने आप में एक चुनौती होती है?
योग एक प्राचीन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जिसे दैनिक जीवन में अपनाने से मन के साथ तन को भी तंदुरुस्ती मिलती है। किसी अस्वस्थ या तनावयुक्त मनुष्य युग के लिए यह और भी कारगर होता है ।
दुनिया भर के लोगों ने स्वस्थ व तरोताजा रहने और महामारी के दौरान सामाजिक अलगाव व अवसाद सेलड़ने के लिए योग को अपनाया। योग साधना कई गंभीर बीमारियों को भी दूर करने में सहायक सिद्ध हुई है
21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में स्थापित करने का प्रस्ताव भारत के राजदूत अशोक कुमार मुखर्जी द्वारा पेश किया गया था और इस दिवस का विचार पहली बार 27 सितंबर, 2014 को
संयुक्त राष्ट्र ने संकल्प 69/131 द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया। जिसे पूरी दुनिया मानती है।
21 जून, 2015 को, भारत की राजधानी नई दिल्ली में, PM मोदी और दुनिया भर के कई अन्य उच्चपद के राजनीतिक हस्तियों सहित लगभग 36,000 लोगों ने 35 मिनट के लिए 21 आसन किए, जो पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस था