Semiconductor जिसे हिन्दी भाषा में अर्धचालक कहा जाता है इसका हमारे समाज पर एक बहुत गहरा प्रभाव पड़ा हैं।

 Semiconductor का उपयोग मोबाइल, लैपटाप, कार, रिमोट, वा इलेक्ट्रानिक के सभी समानो में होता हैं, 

बिना Semiconductor का उपयोग किए इलेक्ट्रानिक  का  कोई भी डिवाइस बनान मुमकिन नहीं हैं।

प्रकृति में कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं जो कि विधुत के सुचालक होते है,  अर्थात जिसमे बिजली आसानी से प्रवाहित होती रहती है तथा बिजली के संपर्क  में आने पर उनमें करंट लगता है 

जैसे तार लोहा इत्यादि। और कुछ ऐसे पदार्थ भी पाये हैं जो कि विधुत के  कुचलाक होते हैं, ऐसे पदार्थ मे विजली का परवाह नहीं हो पता है-

तथा जब बिजली के संपर्क में आते हैं तो उन पर करंट नहीं लगता है. जैसे लकड़ी पेन इत्यादि। लेकिन इसके अलावा कुछ ऐसे पदार्थ भी हमारी प्रकृति में मौजूद हैं 

जिनमें सुचालक और कुचालक दोनों पदार्थ के गुण पाए जाते हैं. ऐसे पदार्थों को ही अर्धचालक (Semiconductor कहते हैं 

अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे डायोड, ट्रांजिस्टर, इंटीग्रेटेड सर्किट आदि के निर्माण में काम आते हैं।

जैसे- सिलिकॉन, जर्मेनियम, आर्सेनाइड, लिथियम इत्यादि।   

अर्धचालक एक ऐसा ठोस रासायनिक तत्व या compound होता है, जो आमतौर पर कुछ परिस्थितियों में  बिजली को प्रवाहित कर सकता है। 

यह विद्युत प्रवाह (Current) के नियंत्रण के लिए एक अच्छा माध्यम बनाता है Semiconductors का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक  

सर्किट में बड़े पैमाने पर किया जाता है। जैसा कि इसके नाम का अर्थ है एक सेमीकंडक्टर एक ऐसा मटेरियल है जो करंट का संचालन करता है 

Semiconductor  दो प्रकार का होता हैं  1- आतंरिक अर्धचालक      2 - बाह्य अर्धचालक         

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