World Heritage Day 2022 : विश्व विरासत दिवस, विषय और महत्व

हमारी दुनिया ऐसे कई स्मारकों, स्थलों और निर्माणों की विरासत को संजोए है जिनकी उपस्थिती पृथ्वी ग्रह को न सिर्फ सुंदर बनाती है बल्कि अनोखा भी बनाती है। इनमें से ज़्यादातर स्थलों को विश्व विरासत स्थल कहा जाता है। चूंकि इनमें से कई स्थल और स्मारक सैकड़ों वर्ष पुराने हैं जिनका अपने आप में प्राकृतिक, भौतिक, सांस्कृतिक अथवा ऐतिहासिक महत्व है, इसलिए इन स्मारकों और स्थलों के संरक्षण और महत्व को प्रोत्साहना देने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस निर्धारित है जिसे विश्व विरासत दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन पहली बार 1983 में यूनेस्को द्वारा मनाया गया था, तब से यह दिवस प्रत्येक वर्ष 18 अप्रैल को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य ग्रह पर विरासत और विविधता के महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ाना है। इस लेख में World Heritage Day 2022 के विषय और विश्व विरासत दिवस के महत्व की चर्चा करेंगे।

विश्व विरासत दिवस 2022, विषय और महत्व (about World Heritage Day 2022, theme and significance in hindi)

स्मारकों और स्थलों के लिए, World Heritage Day 2022 विरासत संरक्षण को बढ़ावा देने और सतत विकास को मजबूत करने के लिए रणनीतियों को प्रदर्शित करने का एक अवसर प्रदान करता है। इससे अन्य संगठनों के साथ-साथ आम नागरिक भी स्मारकों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को लेकर जागरूक होंगे।

विश्व विरासत दिवस 2022 का विषय –

1983 से, प्रत्येक वर्ष मनाए जाने वाले विश्व विरासत दिवस का विषय यूनेस्को द्वारा निर्धारित किया जाता है। इस वर्ष का विषय “विरासत और जलवायु (Heritage and Climate)” है। संगठन ने भागीदारों को, ऐसी गतिविधियों को प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित किया है जो इस बात पर प्रकाश डालती हैं कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए विरासत कैसे ज्ञान का स्रोत हो सकती है। वहीं ICOMOS के अनुसार इस वर्ष चर्चा और कार्यक्रमों के लिए सुझाए गए विषयों में आपदा जोखिम (जलवायु-प्रेरित, मानव-प्रेरित), विरासत और लोकतंत्र, संघर्ष में विरासत, स्थानीय विरासत, स्वदेशी विरासत, पवित्र स्थान या पवित्र विरासत शामिल हैं।

विश्व विरासत दिवस का महत्व

  • इस दिन को मनाने का उद्देश्य स्थानीय समुदायों और लोगों को उनके जीवन में सांस्कृतिक विरासत के मूल्य को पहचानने के लिए प्रोत्साहित करना है।
  • यह संरक्षण गतिविधियों के संदर्भ में प्राकृतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत की विविधता के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
  • विश्व विरासत दिवस मनाने का लक्ष्य दुनियाभर के लोगों को उनके इतिहास, विरासत और परंपराओं के बारे में जानकारी साझा करने के लिए एक साथ लाना है।
  • ICOMOS दुनिया भर में यूनेस्को के सहयोग से भव्य समारोह आयोजित करता है। ऐसे आयोजनों में पर्यटन और इतिहास के प्रति उत्साही लोग बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं।

भारत में विश्व धरोहर स्थल

भारत में कुल 3691 स्मारक और स्थल हैं जिनमें से 40 को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों के रूप में नामित किया गया है। इनमें ताजमहल, असम में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, अजंता और एलोरा की गुफाएं आदि जैसे कई प्राकृतिक स्थल शामिल हैं।

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  Frequently Asked Questions  

1- विश्व विरासत स्थल (World Heritage Site) किसे कहते हैं? 

उत्तर- ऐसे स्थान या स्मारक जो मनुष्य के लिए प्राकृतिक, भौतिक, सांस्कृतिक अथवा ऐतिहासिक महत्व रखते हैं। 

2- यूनेस्को (UNESCO) क्या है ?

उत्तर- यूनेस्को जिसका पूरा नाम संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन है। यह संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी या संगठन है जिसका प्रमुख उद्देश्य शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से शांति स्थापित करना है। इस संगठन के द्वारा ही विश्व विरासत स्थलों को मान्यता प्रदान की जाती है।

3- ICOMOS क्या है?

उत्तर- यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक संगठन है जो विश्व व्यापी सांस्कृतिक धरोहरों के सुरक्षा और संरक्षा हेतु कार्यरत है। यह युनेस्को को विश्व धरोहर स्थलों के बारे में सलाह देता है।

4- विश्व विरासत दिवस कब स्थापित हुआ था?

उत्तर- 18 अप्रैल 1982 में, ICOMOS द्वारा, जिसे बाद में यूनेस्को ने अपने 22वें आम सम्मेलन के दौरान अपनाया।

5- विश्व विरासत दिवस 2021 का विषय क्या था?

उत्तर- जटिल अतीत: विविध भविष्य (Complex Pasts: Diverse Futures)।

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