दुनिया 10 के सबसे विषैले और खतरनाक साँप : दोस्तों, साँप जोकि धरती का अनोखा जीव है और जो इंसान को दूर से ही दिख जाए तो वह सावधान हो जाता है। ज्यादातर साँप दूर दराज के बीहड़ो, जंगलों, खंडहरों आदि जगहों में वास करते हैं। लेकिन जबसे मनुष्य के रहने के दायरे बढ़ने और बीहड़ो, जंगलों व खंडहरों की सीमाएं घटने लगे हैं तबसे इंसानों को साँप अक्सर दिख ही जाते हैं। चूहे, मेंढक आदि जैसे छोटे जीव साँपों के मुख्य भोजन होते हैं।
इनके दंश का जहर ही इनका घातक हथियार होता है जिसे वे अपने खाने के शिकार के लिए इस्तेमाल करते हैं। खाने की तलाश में कभी कभी सांप इंसानों के इर्द गिर्द आजाते हैं और जाने अनजाने में उन्हें डस लेते हैं। इस लेख में हम दुनिया 10 के सबसे विषैले और खतरनाक साँप की चर्चा करेंगे।
हमारे ग्रह पर साँपों की बहुत सी प्रजातियाँ पायी जाती हैं जिनमें जहर की मात्रा अलग अलग होती है (कुछ साँपों को छोड़कर जिनमें जहर नहीं होता)। साँपों के जहर की एक बूँद का बहुत छोटा सा हिस्सा छोटे जीवों को चंद मिनटों में मार देता है। कुछ सांपों के जहर तो इंसानों के लिए भी जानलेवा होते हैं। वैसे तो सांप इंसानों से दूर ही रहते हैं लेकिन जरा सा भी खतरा महसूस होने पर आक्रमण करने से पीछे भी नहीं हटते। हर वर्ष लगभग हजारों लोग सिर्फ सांपों के डसे जाने से मर जाते हैं। यही कारण साँपों को इंसान के लिए खतरनाक बनाता है। दोस्तों, आइये जानते हैं इन प्रजातियों में 10 सबसे खतरनाक और विषैले साँपों के बारे में-
दुनिया 10 के सबसे विषैले और खतरनाक साँप 2024
10- ब्लू क्रेट (Blue Krait)
ब्लू क्रेट (Blue Krait), जिसे मलायन क्रेट या भारतीय करैत के रूप में भी जाना जाता है। इनके शरीर पर काले, गहरे भूरे या नीले काले रंग के कई क्रॉसबैंड्स का पैटर्न होता है जो पक्षों पर संकुचित और गोल होता है। गहरे क्रॉसबैंड्स के चौड़े, पीले सफेद रंग के चौराहे से अलग होता है जिसे काले रंग के साथ देखा जा सकता है। इनकी लम्बाई औसतन 0.9 मी. (करीब 3 फीट) आंकी गयी है। ये मुख्यतः प्रायद्वीपीय भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका में पाए जाने वाले सबसे विषैले साँपों की प्रजातियों में से एक हैं। इनका वास स्थान खेतों, कम झाड़ी वाले जंगलों, साथ ही आबादी वाली इलाकों, ईंटो के ढेर में, मिटटी के ढेर (जहां चूहे रहते हैं) आदि जगहों में होता है। इसके अलावा ये जलाशयों या पानी के श्रोतों के निकट दिख जाते हैं।
दुनिया 10 के सबसे विषैले और खतरनाक साँप की सूची में दसवां नाम इसी सांप का आता है। इनकी सक्रियता दिन की अपेक्षा रात्रि में ज्यादा होती है। यही कारण है कि भारत और बांग्लादेश में सर्पदंश के अधिकतर मामले इन्हीं के डसने से जुड़े होते हैं। इनका फुर्तीला स्वाभाव और खतरा महसूस होने पर झटकेदार हरकतें करना ही इन्हें अधिक आक्रामक बनता है। इनका जहर न्युरोटोक्सिक होता है जो व्यक्ति के मांशपेशियों में पक्षाघात या दम घुटने का कारण बनता है। इनके डसने पर सही वक़्त पर इलाज न मिले तो छह से आठ घंटों में मृत्यु हो सकती है।
9- टाइगर स्नेक (Tiger Snake)
दुनिया 10 के सबसे विषैले और खतरनाक साँप की सूची में अगला नाम टाइगर स्नेक (Tiger Snake) का है। यह ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी क्षेत्रों में पाया जाने वाला एक अत्यधिक विषैला साँप प्रजाति है, जिसमें इसके तटीय द्वीप जैसे तस्मानिया भी शामिल हैं। इनके शरीर का पैटर्न बाघ के समान मिलता जुलता है शायद इसीलए इनका नाम टाइगर स्नेक है। इनके शरीर का पैटर्न गहरा बैंड, दृढ़ता से विपरीत या अंधाधुंध, जो रंग में बहुत गहरा, कलौंजी जैतून, पीले, नारंगी-भूरे, या जेट-काले रंग से बना होता है, और नीचे का भाग हल्का पीला या नारंगी होता है। कुल लंबाई आम तौर पर लगभग 1.2 मीटर होती है। इस प्रजाति का वितरण दक्षिण पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया से दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के तटीय क्षेत्र व तस्मानिया तक फैला हुआ है, जिसमें सेवेज रिवर नेशनल पार्क विक्टोरिया और न्यू साउथ वेल्स शामिल हैं। टाइगर स्नेक तटीय वातावरण, आर्द्रभूमि और खाड़ियों में पाए जाते हैं जहां वे अक्सर अपना आवास बनाते हैं।
टाइगर स्नेक कम तापमान के सहिष्णु, गर्म रातों में अधिक सक्रिय होते हैं। खतरा होने पर ये अपने शरीर को समतल कर अपने सिर को एक क्लासिक प्रेस्ट्रियक रुख में जमीन से ऊपर उठाते हैं। टाइगर स्नेक के जहर में शक्तिशाली न्यूरोटॉक्सिन, कोगुलेंट, हेमोलीसिन और मायोटॉक्सिन होते हैं। इनके काटने के लक्षणों में पैर और गर्दन के क्षेत्र में स्थानीयकृत दर्द, झुनझुनी, सुन्नता और पसीना शामिल है, जिसके बाद साँस लेने में कठिनाई और पक्षाघात की काफी तेज शुरुआत होती है। एक अध्ययन में, अनुपचारित डसने से मृत्यु दर 40 से 60% के बीच बताई गई है।
8- डेथ ऐडर (Death Adder)
डेथ ऐडर (Death Adder) ऑस्ट्रेलिया, न्यू गिनी और आसपास के द्वीपों के निवासी हैं, और दुनिया के सबसे विषैले सांपों में से आते हैं। इन्हें आसानी से अन्य ऑस्ट्रेलियाई सांपों में से पहचाना जा सकता है क्योंकि इनकी पूंछ के अंत में पतली, छोट कीड़े जैसी होती है, जिसका इस्तेमाल ये शिकार को आकर्षित करने के लिए करते हैं। डेथ ऐडर्स दिखने में वाइपर जैसे होते हैं। छोटा, मजबूत शरीर, त्रिकोणीय आकार के सिर, लंबवत पुतली और छोटे सबसर्कुलर स्केल होते हैं। अधिकांश के शरीर के चारों ओर बड़े बैंड होते हैं, हालांकि रंग स्वयं परिवर्तनशील होता है, जो उनके इलाके पर निर्भर करता है। रंग आमतौर पर काले, ग्रे या लाल और पीले होते हैं, लेकिन इसमें भूरे और हरे-भूरे रंग भी शामिल होते हैं।वयस्क आकार तक पहुंचने के लिए उन्हें आमतौर पर 2-3 साल लगते हैं। मादा आम तौर पर नर की तुलना में थोड़ी बड़ी होती हैं।
डेथ ऐडर की आक्रामकता अन्य ऑस्ट्रेलियाई सांपों की तुलना में अधिक होती है जिसकी वजह से ये काफी मात्रा में जहर इंजेक्ट कर सकते हैं। एक डेथ ऐडर का जहर पूरी तरह से न्यूरोटॉक्सिक है, जिसमें अधिकांश विषैले सांपों के विपरीत न तो हेमोटॉक्सिन और न ही मायोटॉक्सिन होता है। इनके डसने से पक्षाघात (paralysis) हो सकता है जो पहली बार में मामूली लगता है, लेकिन छह घंटे में पूर्ण श्वसन बंद होने से मृत्यु का कारण बन सकता है।
7- सॉ स्केल्ड वाइपर (Saw-Scaled Viper)
दुनिया 10 के सबसे विषैले और खतरनाक साँप की सूची में अगला नाम सॉ स्केल्ड वाइपर (Saw-Scaled Viper) का है। यह अफ्रीका, मध्य पूर्व, भारत, श्रीलंका और पाकिस्तान के शुष्क क्षेत्रों में पाए जाने वाले विषैले वाइपर की एक प्रजाति है। उनके पास एक विशिष्ट खतरे का प्रदर्शन है, जो एक “जलती हुई” चेतावनी ध्वनि उत्पन्न करने के लिए अपने शरीर के वर्गों को एक साथ रगड़ते हैं। सॉ-स्केल्ड वाइपर अपेक्षाकृत छोटे सांप होते हैं, सबसे बड़ी प्रजातियां आमतौर पर 90 सेंटीमीटर (35 इंच) से कम होती हैं, और सबसे छोटी 30 सेमी (12 इंच) होती हैं। सिर अपेक्षाकृत छोटा (गर्दन से छोटा),चौड़ा, नाशपाती के आकार का और अलग होता है। थूथन छोटा और गोल जबकि आँखें अपेक्षाकृत बड़ी होती हैं, और शरीर मध्यम पतला और बेलनाकार है। निचले फ्लैंक्स पर तराजू एक अलग 45 डिग्री के कोण पर चिपके रहते हैं। छोटी पूंछ और रिज दांतेदार(आरी के समान) होते हैं जिससे इनका नाम सॉ स्केल्ड पड़ा।
यह साँप दुनिया में सबसे अधिक सर्पदंश के मामलों और मौतों के लिए जिम्मेदार कुछ प्रजातियों में शामिल हैं। इस प्रजाति के साँप के जहर में ज्यादातर चार प्रकार के विष होते हैं: न्यूरोटॉक्सिन, कार्डियोटॉक्सिन, हेमोटॉक्सिन और साइटोटॉक्सिन। इनकी अधिकता उष्णकटिबंधीय ग्रामीण क्षेत्रों में होती है जहां चिकित्सा सुविधाओं की कमी होती है। ये साँप ज्यादातर अंधेरे के बाद काटते हैं जब ये ज्यादा सक्रिय होते हैं और हमला भी बहुत ही फुर्ती से करते हैं। इनके जहर व्यक्ति के शरीर में कोगुलोपैथी और डिफाइब्रिकेशन का कारण बन सकते हैं, जो दिनों से लेकर हफ्तों तक जारी रह सकते हैं। इससे शरीर में कहीं भी रक्तस्राव हो सकता है जिसका असर डसने के बाद कुछ दिनों के बाद में होता है।
6- रैटल स्नेक (Rattle Snake)
रैटल स्नेक ने अपनी संज्ञा पूंछ की बनावट के कारण प्राप्त की है। जिसका इस्तेमाल ये शिकार को आकर्षित करने या झुनझुने जैसी आवाज कर राहगीर को सावधान करने में करते हैं। उत्तरी अमेरिका में सर्पदंश में रैटलस्नेक के मामले अधिकांश पाए जाते हैं। हालाँकि इनकी आक्रामकता उकसाने या खतरा महसूस होने पर ही होती है। रैटलस्नेक ऊंचाई के संकीर्ण सीमा में कुछ पौधों के संघों के भीतर रहने में सक्षम हैं। अधिकांश प्रजातियां खुले, चट्टानी क्षेत्रों के पास रहती हैं। चट्टानें उन्हें बहुतायत से शिकार (जैसे कि कृंतक, छिपकली, कीड़े, छोटे पक्षी आदि जो चट्टानों के बीच रहते हैं), और खुले क्षेत्रों से कवर प्रदान करती हैं। हालांकि, रैटलस्नेक को कई अन्य आवासों में भी पाया जा सकता है, जिनमें प्रैरीज़, दलदल, रेगिस्तान और जंगल शामिल हैं। इनका विस्तार दक्षिण-पश्चिमी कनाडा, अमेरिका से मध्य अर्जेंटीना के विभिन्न आवासों तक है। ज्यादातर इनकी अधिकता दक्षिण-पश्चिम अमेरिका और मैक्सिको में है।
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5- ब्लैक माम्बा (Black Mamba)
विषैले साँपों कि प्रजाति में ब्लैक माम्बा (Black Mamba) का जिक्र होना लाज़मी है क्यूंकि यह अपने जहर के साथ साथ अपनी फितरत से भी खतरनाक होता है। ब्लैक या काला माम्बा एक लंबा, पतला, बेलनाकार सांप होता है जिसके मुख के अन्दर का भाग काला होता है। ताबूत के आकार का सिर होता है जिसमें कुछ हद तक स्पष्ट भौंह और मध्यम आकार की आंख होती है। वयस्क साँप की लंबाई औसतन 2 से 3 मीटर तक होती है, लेकिन नमूनों की लंबाई 4.3 से 4.5 मीटर तक पायी गई है। यह दूसरा सबसे लंबा विषैला साँप प्रजाति है, जिसकी लंबाई किंग कोबरा से भी अधिक हो सकती है। इनकी त्वचा का रंग ग्रे से गहरे भूरे रंग में भिन्न होता है। किशोर माम्बा वयस्कों की अपेक्षा अधिक पतले होते हैं जो आम तौर पर हल्के भूरे या जैतून-हरे रंग के होते हैं और उम्र के साथ काले हो जाते हैं। इस साँप को most aggressive venomous snakes में गिना जाय तो कोई अचंभे की बात नहीं।
इस प्रजाति का विस्तार पूरे अफ्रीका महाद्वीप के अलग अलग हिस्सों में है। यह प्रजाति जमीन और वृक्ष दोनों जगह रहने में सक्षम है। यह अर्ध-शुष्क सवाना, हल्के शुष्क क्षेत्र जैसे हल्के वुडलैंड और स्क्रब, चट्टानी ढलान और यहां के घने जंगलों में पाया जाता है। यह नम सवाना और तराई के जंगलों में भी बसा है। यह पक्षियों और छोटे स्तनधारियों का शिकार करने के लिए जाना जाता है। उपयुक्त सतहों पर, यह कम दूरी के लिए 16 किमी/ घंटा (10 मील प्रति घंटे) की गति से आगे बढ़ सकता है। यह अपने आकार, आक्रामकता और विष विषाक्तता की वजह से अफ्रीका में सबसे अधिक खतरनाक सांप है। यह एक ही गति में कई बार दंश करता है जो इंसान के लिए काफी घातक होता है। इसका न्युरोटोक्सिक जहर दस मिनट में लक्षण उत्पन्न करता है और सही समय पर एंटीवेनम न मिलने मृत्यु का कारण बन सकता है।
4- फिलीपीन कोबरा (Philippine Cobra)
फिलीपीन कोबरा, जिसे उत्तरी फिलीपीन कोबरा भी कहा जाता है। यह फिलीपींस के उत्तरी क्षेत्रों में कोबरा मूल के जहर थूकने वाली एक अत्यधिक जहरीली प्रजाति है।फिलीपीन कोबरा मध्यम लंबाई का एक विशालकाय सांप है जिसमें लंबी ग्रीवा पसलियों का विस्तार होता है, इसलिए सावधान होने पर एक हुड(फन) का निर्माण कर लेता है। सिर अण्डाकार, उदास, गर्दन से थोड़ा अलग, गोल साँप और बड़े नथुने से अलग होता है। आंखें गहरे भूरे और गोल पुतलियों के आकार की मध्यम अन्य कोबरा प्रजातियों के सामान होती हैं। इस प्रजाति की औसत लंबाई 1.0 मीटर (3.3 फीट) है। इनकी कुछ प्रजातियां 1.6 मीटर (5.2 फीट) की लंबाई तक बढ़ सकती हैं। वयस्क सांप समान रूप से मध्यम भूरे रंग के होते हैं, जबकि किशोर गहरे भूरे रंग के होते हैं।
फिलीपीन कोबरा ज्यादातर फिलीपींस के उत्तरी क्षेत्रों में होता है। वे लूज़ोन, मिंडोरो, कैटेन्ड्यूनेस, अजरिया और मसाबेट के द्वीपों पर पाए जा सकते हैं। यह प्रजाति संभवतः अन्य पड़ोसी द्वीपों में भी हो सकती है। इनके आवास में निचले इलाकों और जंगलों वाले क्षेत्रों के साथ-साथ खुले मैदान, घास के मैदान, घने जंगल, कृषि क्षेत्र और मानव बस्तियां शामिल हैं। कोबरा की यह प्रजाति विशेष रूप से पानी की शौकीन है, इसलिए इसे तालाबों, नदियों या पानी के बड़े पोखरों के बहुत करीब पाया जा सकता है। इनकी आक्रामकता जहर थूकने से प्रदर्शित होती है। ये अपने जहर को 3 मीटर (9.8 फीट ) तक के लक्ष्य पर सटीक रूप से थूकने में सक्षम हैं। फिलीपीन कोबरा के डसने के लक्षणों में सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी, साँस लेने में तकलीफ शामिल हैं। इनका न्यूरोटॉक्सिन जहर व्यक्ति के तंत्रिकाओं पर असर करता है जो पक्षाघात का कारण बनता है।
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3- इस्टर्न ब्राउन स्नेक (Eastern Brown Snake)
ईस्टर्न ब्राउन स्नेक (Eastern Brown Snake) यानी पूर्वी भूरे रंग के साँप दुनिया 10 के सबसे विषैले और खतरनाक साँप की सूची में तीसरा सबसे विषैला स्थलीय साँप माना जाता है। यह पूर्वी और मध्य ऑस्ट्रेलिया और दक्षिणी न्यू गिनी क्षेत्रों में पाया जाने वाला अत्यधिक विषैला सांप है। वयस्क पूर्वी भूरा सांप एक पतले निर्माण के साथ 2 मीटर (7 फीट) तक लंबा होता है। इसके परिवर्तनशील ऊपरी भाग भूरे रंग के कई प्रकार के हो सकते हैं, जो हल्के भूरे रंग से लेकर लगभग काले रंग के होते हैं, जबकि इसके नीचे की ओर हल्के पीले होते हैं, जो अक्सर नारंगी या ग्रे रंग के होते हैं।
ऑस्ट्रेलिया, पापुआ, न्यू गिनी प्रान्तों के अलावा पूर्वी भूरे रंग के सांप सूखे स्क्लेरोफिल जंगलों (नीलगिरी के जंगलों) और तटीय सीमाओं के ढेरों से लेकर सवाना वुडलैंड्स क्षेत्रों तक निवास करते हैं। ये आंतरिक घास के मैदानों, शुष्क झाड़ियों, खुरदुरी दरारों और खेतों के आस पास वास करते हैं। खेतों या आबादी इलाकों में इनका विचरण आम होगया है क्योंकि यहां इन्हें कृन्तक, चूहे भोजन के रूप में मिल ही जाते हैं। इस वजह से कभी कभी इंसानों से इनकी भेंट हो जाती है| ऑस्ट्रेलिया में लगभग 60% साँप के डसने से होने वाली मौतों के लिए जिम्मेदार है। इनका न्यूरोटॉक्सिन जहर अन्य कि अपेक्षा अधिक घातक होता है। जो मनुष्य में डसे जाने पर उल्टी, साँस कि तकलीफ के लक्षणों के साथ रक्तश्राव, कोगुलोपैथी और दिल के दौरे का कारण बनता है।
2- इनलैंड ताइपन (Inland Taipan)
इनलैंड (अंतर्देशीय) ताइपन पुरे स्थलीय भाग का सबसे विषैले साँप की प्रजाति है। ये डार्क टैन होते हैं , जो मौसम के आधार पर एक गहरे, हरे भूरे रंग से हल्का हल्का हरा होता है। इसकी पीठ, भुजाएँ और पूंछ भूरे और भूरे रंग के अलग-अलग रंग की हो सकती हैं, जिसमें कई शल्क एक चौड़ी काली धार वाली होती हैं। गोल-सूँघे हुए सिर और गर्दन आमतौर पर शरीर की तुलना में गहरे रंग के होते हैं (सर्दियों में चमकदार काले, गर्मियों में गहरे भूरे रंग के)। इनकी औसत लंबाई लगभग 1.8 मीटर (5.9 फीट) होती है जो बढ़कर 2.5 मीटर (8 फीट ) हो सकती है। इनके नुकीले भाग अन्य ताइपन कि तुलना में छोटे होते हैं। इनलैंड ताइपन का वास अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में काली मिट्टी के मैदानों में बसा हुआ है, जहां क्वींसलैंड और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया सीमाएं मिलती हैं। आमतौर पर इनका स्वाभाव बहुत ही शांत और शर्मीला होता है।
इनलैंड ताइपन स्तनधारियों का एक विशेषज्ञ शिकारी है, इसलिए इसका जहर विशेष रूप से गर्म रक्त वाली प्रजातियों को मारने के लिए अनुकूलित है।पु यह उकसाने या खतरा होने पर ही हमला करता है। इस प्रजाति को घातक सिर्फ इसका जहर बनाता है क्योंकि इनका एक बार में दंश किया जहर लगभग 100 वयस्क मनुष्यों को मार सकता है। इनके जहर में न्यूरोटॉक्सिन, हेमोटॉक्सिन और मायोटॉक्सिन होता है जो शरीर के अलग अलग हिस्सों में क्षति पहुंचाता है। दुनिया 10 के सबसे विषैले और खतरनाक साँप में यह पूरे स्थल भाग का सबसे विषैला सांप है।
1- बेल्चर्स सी स्नेक (Belcher’s Sea Snake)
बेल्चर के समुद्री साँप (Belcher’s Sea Snake), जिसे कई बार गलती से हुक-नोज़्ड समुद्री साँप कहा जाता है, दुनिया के सबसे विषैले साँप के रूप में माना गया है। बेल्चर का समुद्री साँप मध्यम आकार का होता है, जो वयस्क लंबाई में 0.5 से 1 मीटर (लगभग 20–40 इंच) तक होता है। इसका पतला शरीर आमतौर पर गहरे हरे रंग के क्रॉसबैंड के साथ रंग में पीला होता है। पृष्ठीय पैटर्न वाइन्डर पर विस्तार नहीं करता है। सिर छोटा है समान रंगों के बैंड, मुंह बहुत छोटा (जलीय जीवन के लिए उपयुक्त) और पूंछ चपटा (तैरने में सहायक) होता है। इसका शरीर जब पानी से बाहर होता है तो एक पीला रंग दिखाई देता है। ये हिंद महासागर (फिलीपींस: विसायन क्षेत्र, न्यू गिनी), थाईलैंड की खाड़ी, ऑस्ट्रेलिया (उत्तर क्षेत्र, क्वींसलैंड), सोलोमन द्वीप, विशेष रूप से उत्तर पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया से दूर तिमोर सागर में एशमोर रीफ के आसपास दिखाई पड़ते हैं।
समुंद्री वातावरण में होने के कारण इन साँपों का सामना कभी-कभी केवल मछुआरों से होता है जो शिकार के लिए गए होते हैं। इनके जहर के बारे में अभी तक कुछ खास जानकारी नही है। फिर भी इन्हें दुनिया 10 के सबसे विषैले और खतरनाक साँप की सूची में सबसे अधिक विषैला साँप माना गया है।
FAQs : दुनिया 10 के सबसे विषैले और खतरनाक साँप
1- दुनिया का सबसे विषैला साँप कौन सा है?
उत्तर- बेल्चर के समुद्री साँप (Belcher’s Sea Snake), हालांकि स्थलीय भूभाग की दृष्टि से इनलैंड ताइपन को माना गया।
2- दुनिया का सबसे अक्रामक साँप कौन सा है?
उत्तर- ब्लैक माम्बा (Black Mamba), फुरतीला स्वभाव और खुद को लंबाई के आधे से अधिक उठा सकता है।
3- भारत में सबसे अधिक जहरीला पाया जाने वाल साँप कौन सा है?
उत्तर- क्षेत्रीय आधार पर कई हैं जैसे किंग कोबरा, रसल वाइपर (जो ज्यादातर दक्षिण भारत में पाये जाते हैं) लेकिन औसत में साधारण करैत (common krait) को माना गया है।
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दोस्तों, उम्मीद है कि दुनिया 10 के सबसे विषैले और खतरनाक साँप का यह लेख आपको पसंद आया होगा, लेख पसंद आये तो इसे और लोगों को भी शेयर करें और किसी अन्य जानकारी या सुझाव के लिए आप हमें कमेंट कर सकते हैं। इसी तरह के अन्य पोस्ट पढ़ने के लिए आप की अपनी ब्लॉग hindimain.co.in को subscribe करें।
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